website templates

पद्य-सूची

16 पद

गंग जमुन जुग धार मधहि (पद संख्या - 65 )
गंग जमुन सरस्वती संगम पर (पद संख्या - 66 )
गुरु कीजै भव-निधि पार (पद संख्या - 22 )
गुरु के शरण गहु, धन धन गुरु कहु (पद संख्या - 50 )
गुरु को सुमिरो मीत क्यों अवसर (पद संख्या - 108 )
गुरु खोलिये वज्र कपाट (पद संख्या - 21 )
गुरु गुरु त्राहि गुरु (पद संख्या - 91 )
गुरु जुगती लय घट पट टारौं (पद संख्या - 144 )
गुरु दीन दयाला नजर निहाला (पद संख्या - 96 )
गुरु धन्य हैं गुरु धन्य हैं (पद संख्या - 95 )
गुरु नाम गुरु नाम गुरु नाम (पद संख्या - 94 )
गुरु मम सुरत को गगन पर चढ़ाना (पद संख्या - 20 )
गुरु सतगुरु सम हित नहिं कोऊ (पद संख्या - 106 )
गुरु हरि चरण में प्रीति हो (पद संख्या - 136 )
गुरुदेव दानि तारण (पद संख्या - 19 )
गुरू गुरू मैं करौं पुकारा (पद संख्या - 18 )

34 पद

सतगुरु चरण टहल नित करिये (पद संख्या - 105 )
सतगुरु जी से अरज हमारी (पद संख्या - 31 )
सतगुरु दरस देन हित आए (पद संख्या - 29 )
सतगुरु दाता सतगुरु दाता (पद संख्या - 28 )
सतगुरु पद बिनु गुरु भेटत नाहीं (पद संख्या - 110 )
सतगुरु सत परमारथ रूपा (पद संख्या - 100 )
सतगुरु सतगुरु नितहिं पुकारत (पद संख्या - 104 )
सतगुरु साहब की बलिहारी (पद संख्या - 32 )
सतगुरु सुख के सागर (पद संख्या - 17 )
सतगुरु सेवत गुरु को सेवत (पद संख्या - 109 )
सतगुरू गुरुदेव गुरु (पद संख्या - 98 )
सतनाम सतनाम सतनाम भज (पद संख्या - 78 )
सत्य ज्ञान दायक गुरु पूरा (पद संख्या - 99 )
सत्यपुरुष की आरति कीजै (पद संख्या - 10 )
सद्‌गुरु नमो सत्य ज्ञानं स्वरूपं (पद संख्या - 15 )
सन्तन मत भेद प्रचार किया (पद संख्या - 102 )
सन्तमत की परिभाषा (पद संख्या - 8 )
सन्तमत-सिद्धान्त (पद संख्या - 6 )
सन्तमते की बात, कहूँ साधक हित लागी (पद संख्या - 44 )
सब क्षेत्र क्षर अपरा परा पर (पद संख्या - 1 )
सब भव भय भंजन (पद संख्या - 82 )
सब सन्तन्ह की बड़ि बलिहारी (पद संख्या - 2 )
सम दम और नियम यम (पद संख्या - 114 )
समय गया फिरता नहीं (पद संख्या - 123 )
सर्वेश्वरं सत्य शान्ति स्वरूपं (पद संख्या - 13 )
साँझ भये गुरु सुमिरो भाई (पद संख्या - 73 )
सुखमन के झीना नाल से (पद संख्या - 64 )
सुखमन झल झल बिन्दु (पद संख्या - 59 )
सुनिये सकल जगत के वासी (पद संख्या - 47 )
सुरत सम्हारो अधर चढ़ाओ (पद संख्या - 118 )
सुषमनियाँ में नजरिया थिर (पद संख्या - 63 )
सुषमनियाँ में मोरी नजर लागी (पद संख्या - 62 )
सूरति दरस करन को जाती (पद संख्या - 69 )
सृष्टि के पाँच हैं केन्द्रन (पद संख्या - 46 )