08 पद
अज अद्वैत पूरन ब्रह्म पर की (पद संख्या - 142 )
अति पावन गुरु मन्त्र (पद संख्या - 97 )
अद्भुत अन्तर की डगरिया (पद संख्या - 133 )
अधः ऊर्ध्व अरु दायें बायें (पद संख्या - 60 )
अधर डगर को सतगुरु भेद (पद संख्या - 48 )
अन्तर के अन्तिम तह में गुरु हैं (पद संख्या - 117 )
अपनी भगतिया सतगुरु साहब (पद संख्या - 27 )
अव्यक्त अनादि अनन्त अजय (पद संख्या - 5 )
10 पद
आओ वीरो मर्द बनो अब (पद संख्या - 72 )
आगे माई सतगुरु खोज करहु (पद संख्या - 113 )
आरति अगम अपार पुरुष की (पद संख्या - 141 )
आरति तन मन्दिर में कीजै (पद संख्या - 139 )
आरति परम पुरुष की कीजै (पद संख्या - 140 )
आरति संग सतगुरु के कीजै (पद संख्या - 145 )
आहो ज्ञानी ज्ञान गुनी प्रभु भजु हो (पद संख्या - 129 )
आहो प्रेमी करु प्रेम प्रभु सए हो (पद संख्या - 128 )
आहो भक्त सार भगति करु हो (पद संख्या - 127 )
आहो भाई होऊ गुरु आश्रित हो (पद संख्या - 49 )
16 पद
गंग जमुन जुग धार मधहि (पद संख्या - 65 )
गंग जमुन सरस्वती संगम पर (पद संख्या - 66 )
गुरु कीजै भव-निधि पार (पद संख्या - 22 )
गुरु के शरण गहु, धन धन गुरु कहु (पद संख्या - 50 )
गुरु को सुमिरो मीत क्यों अवसर (पद संख्या - 108 )
गुरु खोलिये वज्र कपाट (पद संख्या - 21 )
गुरु गुरु त्राहि गुरु (पद संख्या - 91 )
गुरु जुगती लय घट पट टारौं (पद संख्या - 144 )
गुरु दीन दयाला नजर निहाला (पद संख्या - 96 )
गुरु धन्य हैं गुरु धन्य हैं (पद संख्या - 95 )
गुरु नाम गुरु नाम गुरु नाम (पद संख्या - 94 )
गुरु मम सुरत को गगन पर चढ़ाना (पद संख्या - 20 )
गुरु सतगुरु सम हित नहिं कोऊ (पद संख्या - 106 )
गुरु हरि चरण में प्रीति हो (पद संख्या - 136 )
गुरुदेव दानि तारण (पद संख्या - 19 )
गुरू गुरू मैं करौं पुकारा (पद संख्या - 18 )
10 पद
जनि लिपटो रे प्यारे जग परदेसवा (पद संख्या - 121 )
जय जय परम प्रचण्ड तेज तम (पद संख्या - 4 )
जय जय राम जय जय राम (पद संख्या - 79 )
जय जय राम जय जय राम कहु राम (पद संख्या - 80 )
जय जयति सद्गुरु जयति जय जय (पद संख्या - 16 )
जहाँ सूक्ष्म नाद ध्वनि आज्ञा (पद संख्या - 75 )
जीव उद्धार का द्वार पुकार कहा (पद संख्या - 103 )
जीवो! परम पिता निज चीन्हो (पद संख्या - 135 )
जेठ मन को हेठ करिये (पद संख्या - 138 )
जौं निज घट-रस चाहो (पद संख्या - 132 )
08 पद
नमामी अमित ज्ञान रूपं कृपालं (पद संख्या - 14 )
नहीं थल नहीं जल (पद संख्या - 42 )
नाहिंन करिये जगत सों प्रीती (पद संख्या - 122 )
निज तन में खोज सज्जन (पद संख्या - 54 )
नित प्रति सत्संगकर ले प्यारा (पद संख्या - 134 )
नैन सों नैनहिं देखिय जैसे (पद संख्या - 40 )
नैनों के तारे चश्म रोशन (पद संख्या - 34 )
नोकते सफेद सन्मुख (पद संख्या - 67 )
10 पद
पाँच नौबत बिरतन्त कहौं (पद संख्या - 45 )
प्रथमहिं धरो गुरु को ध्यान (पद संख्या - 58 )
प्रभु अकथ अनाम अनामय (पद संख्या - 37 )
प्रभु अकथ अनामी सब पर स्वामी (पद संख्या - 35 )
प्रभु अटल अकाम अनाम (पद संख्या - 12 )
प्रभु तोहि कैसे देखन पाऊँ (पद संख्या - 39 )
प्रभु मिलने जो पथ धरि जाते (पद संख्या - 131 )
प्रभु वरणन में आवैं नाहीं (पद संख्या - 36 )
प्रेम-प्रीति चित चौक लगाये (पद संख्या - 143 )
प्रेम-भक्ति गुरु दीजिये (पद संख्या - 9 )
12
भजु गुरु नामा, लहु विश्रामा (पद संख्या - 88 )
भजु मन सतगुरु दयाल (पद संख्या - 84 )
भजु मन सतगुरु दयाल गुरु दयाल (पद संख्या - 85 )
भजु मन सतगुरु सतगुरु (पद संख्या - 30 )
भजो भजो गुरु नाम हो (पद संख्या - 87 )
भजो भजो गुरुदेव हो भाई (पद संख्या - 92 )
भजो सत्तनाम, सत्तनाम (पद संख्या - 77 )
भजो सत्यगुरु सत्यगुरु (पद संख्या - 90 )
भजो साध गुरु साध गुरु (पद संख्या - 89 )
भजो हो गुरु चरण कमल (पद संख्या - 83 )
भजो हो मन गुरु उदार (पद संख्या - 86 )
भाई योग हृदय वृत्त केन्द्र बिन्दु (पद संख्या - 70 )
34 पद
सतगुरु चरण टहल नित करिये (पद संख्या - 105 )
सतगुरु जी से अरज हमारी (पद संख्या - 31 )
सतगुरु दरस देन हित आए (पद संख्या - 29 )
सतगुरु दाता सतगुरु दाता (पद संख्या - 28 )
सतगुरु पद बिनु गुरु भेटत नाहीं (पद संख्या - 110 )
सतगुरु सत परमारथ रूपा (पद संख्या - 100 )
सतगुरु सतगुरु नितहिं पुकारत (पद संख्या - 104 )
सतगुरु साहब की बलिहारी (पद संख्या - 32 )
सतगुरु सुख के सागर (पद संख्या - 17 )
सतगुरु सेवत गुरु को सेवत (पद संख्या - 109 )
सतगुरू गुरुदेव गुरु (पद संख्या - 98 )
सतनाम सतनाम सतनाम भज (पद संख्या - 78 )
सत्य ज्ञान दायक गुरु पूरा (पद संख्या - 99 )
सत्यपुरुष की आरति कीजै (पद संख्या - 10 )
सद्गुरु नमो सत्य ज्ञानं स्वरूपं (पद संख्या - 15 )
सन्तन मत भेद प्रचार किया (पद संख्या - 102 )
सन्तमत की परिभाषा (पद संख्या - 8 )
सन्तमत-सिद्धान्त (पद संख्या - 6 )
सन्तमते की बात, कहूँ साधक हित लागी (पद संख्या - 44 )
सब क्षेत्र क्षर अपरा परा पर (पद संख्या - 1 )
सब भव भय भंजन (पद संख्या - 82 )
सब सन्तन्ह की बड़ि बलिहारी (पद संख्या - 2 )
सम दम और नियम यम (पद संख्या - 114 )
समय गया फिरता नहीं (पद संख्या - 123 )
सर्वेश्वरं सत्य शान्ति स्वरूपं (पद संख्या - 13 )
साँझ भये गुरु सुमिरो भाई (पद संख्या - 73 )
सुखमन के झीना नाल से (पद संख्या - 64 )
सुखमन झल झल बिन्दु (पद संख्या - 59 )
सुनिये सकल जगत के वासी (पद संख्या - 47 )
सुरत सम्हारो अधर चढ़ाओ (पद संख्या - 118 )
सुषमनियाँ में नजरिया थिर (पद संख्या - 63 )
सुषमनियाँ में मोरी नजर लागी (पद संख्या - 62 )
सूरति दरस करन को जाती (पद संख्या - 69 )
सृष्टि के पाँच हैं केन्द्रन (पद संख्या - 46 )