क्रम | भजन/पद |
राग/धुन
| ताल | अन्य / विशेष |
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[53] | विनवत हौं कर जोरि कै | संत कबीर साहब | ||
[54] | झीनी झीनी बीनी चदरिया | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत कबीर साहब |
[55] | पछिम नगरिया से, उमड़ल नदिया | लगनी | कहरवा | संत कबीर साहब |
[56] | मानत नहिं मन मोरा साधो | राग-शिवरंजनी | कहरवा | संत कबीर साहब |
[57] | सुकिरत करि ले नाम सुमिरि ले | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत कबीर साहब |
[58] | सुरति के डोरिया गगन बिच लागल | मंगल | कहरवा | संत कबीर साहब |
[59] | बीत गये दिन भजन बिना रे | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत कबीर साहब |
[60] | चेतो मानुष तन पाइके | सोहर | रूपक | संत कबीर साहब |
[61] | रहना नहिं देस बिराना है | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत कबीर साहब |
[62] | मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे | मारू विहाग | तीनताल | संत कबीर साहब |
[63] | जिनकी लगन गुरू सों नाहीं | राग-देश | अद्धा | संत कबीर साहब |
[64] | हाँ रे ! कौन परदेसिया से | समदाउन | रूपक | संत कबीर साहब |
[65 | साधो भाई जीवत ही करो आसा | राग-आसावरी | अद्धा | संत कबीर साहब |
[66] | जो कोइ निरगुन दरसन पावै | राग-आसावरी | तीनताल | संत कबीर साहब |
[67] | कोई चतुर न पावे पार | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत कबीर साहब |
[68] | हम काँ ओढ़ावे चदरिया | निर्गुण | खेमटा | संत कबीर साहब |
[69] | भजु मन जीवन नाम सबेरा | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत कबीर साहब |
[70] | मेरी सुरत सुहागिनि जाग री | राग-अहीर भैरव | कहरवा | संत कबीर साहब |
[71] | शैर-साँस साँस पर नाम ले | चैती धुन | रूपक | संत कबीर साहब |
[72] | सन्तन के पद लाग रे | पारंपरिक धुन | खेमटा | संत कबीर साहब |
[73] | मन जीति सद्गुरु खेलै होरी | होली धुन | खेमटा | संत कबीर साहब |
[74] | नरहरि चंचल है मति मोरी | राग-शिवरंजनी | कहरवा | संत कबीर साहब |
[75] | साहेब चितवो हमरी ओर | राग-बागेश्वरी | तीनताल | धनी धर्मदासजी महाराज |
[76] | गुरु कतेक दिन नैहर में भरब गगरी | झूमर | खेमटा | धनी धर्मदासजी महाराज |
[77] | करि ले भजनियाँ हो भैया | चेतावनी | कहरवा | धनी धर्मदासजी महाराज |
[78] | जब हम छलिये माता के गर्भ में | मंगल | कहरवा | धनी धर्मदासजी महाराज |
[79] | भक्ति दान गुरु दीजिये | पारंपरिक धुन | कहरवा | धनी धर्मदासजी महाराज |
[80] | गुरु बिन तेरो कोई न सहाई | राग-भीमपलासी | तीनताल | गुरु नानक साहब |
[81] | साधो यह मन गह्यो न जाई | राग-भीमपलासी | तीनताल | गुरु नानक साहब |
[82] | काहे करत गुमानऽ मूरख मनुवाँ | निर्गुण | कहरवा | गुरु नानक साहब |
[83] | सुमिरन करि ले मेरे मना | राग-देश | कहरवा | गुरु नानक साहब |
[84] | जगत में झूठी देखी प्रीत | राग-मियाँ की तोड़ी | कहरवा | गुरु नानक साहब |
[85] | काहे रे वन खोजन जाई | राग-शिवरंजनी | कहरवा | गुरु नानक साहब |
[86] | गुरदेव माता गुरदेव पिता | पारंपरिक धुन | गुरु नानक साहब | |
[87] | हे अचुत हे पारब्रह्म, अविनाशी अघनास | पारंपरिक धुन | गुरु नानक साहब | |
[88] | अजहूँ न निकसै प्राण कठोर | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत दादू दयाल |
[89] | सतगुरु भव सागर डर भारी | राग-भीमपलासी | कहरवा | संत चरणदासजी |
[90] | दिन को हरि सुमिरन करो | पारंपरिक धुन | संत चरणदासजी | |
[91] | मनुवाँ राम के व्यापारी | राग-मालकोंस | तीनताल | संत चरणदासजी |
[92] | हमारे गुरु पूरण दातार | राग-देश | कहरवा | भक्तिन सहजोबाई |
[93] | भया जी हरि रस पी मतवारा | पारंपरिक धुन | कहरवा | भक्तिन सहजोबाई |
[94] | राम तजूँ पै गुरु न विसारूँ | पारंपरिक धुन | कहरवा | भक्तिन सहजोबाई |
[95] | अबरि के बार बकसु मोरे साहेब | मंगल | कहरवा | संत दरिया साहब (बिहारी) |
[96] | साधो अलख निरंजन सोई | राग-मालकोंस | तीनताल | संत दरिया साहब (मारवाड़ी) |
[97] | प्रभुजी अब जनि मोहि बिसारो | राग-आसावरी | तीनताल | संत बाबा धरणी दास |
[98] | साधो सुमिरन भजन करो | राग-केदार | तीनताल | संत जगजीवन साहब |
[99] | संत चरन को छोड़िकै | पारंपरिक धुन | संत पलटू साहब | |
[100] | पतिबरता को लच्छन सब से रहै अधीन | पारंपरिक धुन | संत पलटू साहब | |
[101] | नहीं मुख राम गाओगे | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत पलटू साहब |
[102] | प्रानी ! जप ले तू सत्तनाम | रागा-आसावरी | कहरवा | संत दूलन दास |
[103] | सुखमनि सुरति डोरि बनाव | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत बुल्ला साहब |
[104] | उलटि देखो घट में जोति पसार | पारंपरिक धुन | कहरवा | संत गुलाल साहब |