राय बहादुर शालिग्राम साहब का वचन

(राधास्वामी मत के दूसरे आचार्य)

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।। प्रेम-पत्र राधास्वामी, जिल्द 1, वचन 43 ।।

8- जब भजन के वक्त आवाज बाईं तरफ से आवे, तो चाहिए कि तवज्जह अपनी ऊपर की तरफ को लगावे, और बाएँ कान का दबाव हल्का करे या बिल्कुल न दबावे, या अँगूठा कान में से निकाल लेवे, तो आहिस्ता-आहिस्ता आवाज आँखों के मध्य में ऊपर की तरफ से आती मालूम होगी, और फिर उसी में चित्त लगावे ।

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