html5 templates

(04) . संत कबीर साहब की वाणी
[93. चुअत अमीरस भरत ताल]


।। मूल पद्य ।।

चुअत अमीरस भरत ताल, जहाँ शब्द उठे असमानी हो।
सरिता उमड़ि सिन्धु को सोखै, नहिं कुछ जाय बखानी हो।।
चाँद सूरज तारागन नहिं वाँ, नहिं वहाँ रैनि बिहानी हो ।। 1।।
बाजे बाजैं सितार बाँसुरी, ररंकार मृदुवाणी हो।
कोटि झिलमिली जहँ वहाँ झलकैं, बिन जल बरसत पानी हो ।। 2।।
सिव अज विष्नु सुरेस सारदा, निज निज मति अनुमानी हो ।
दस अवतार एक तत्त्व राचे, स्तुति सहज सुहानी हो ।। 3।।
कहै कबीर भेद की बातें, बिरला कोई पहचानी हो ।
कर पहिचान फेर नहिं आवै, जम जुल्मी की खानी हो ।। 4।।


।। मूल पद्य ।।

चुअत अमीरस भरत ताल, जहाँ शब्द उठे असमानी हो।
सरिता उमड़ि सिन्धु को सोखै, नहिं कुछ जाय बखानी हो।।
चाँद सूरज तारागन नहिं वाँ, नहिं वहाँ रैनि बिहानी हो ।। 1।।
बाजे बाजैं सितार बाँसुरी, ररंकार मृदुवाणी हो।
कोटि झिलमिली जहँ वहाँ झलकैं, बिन जल बरसत पानी हो ।। 2।।
सिव अज विष्नु सुरेस सारदा, निज निज मति अनुमानी हो ।
दस अवतार एक तत्त्व राचे, स्तुति सहज सुहानी हो ।। 3।।
कहै कबीर भेद की बातें, बिरला कोई पहचानी हो ।
कर पहिचान फेर नहिं आवै, जम जुल्मी की खानी हो ।। 4।।

भावार्थ-जहाँ अन्तराकाश में ध्वनि (अनहद-नाद) प्रकट होती है, वहाँ चेतन यानी ज्योति की वर्षा होती है तथा आज्ञाचक्र-केन्द्र-रूप कुण्ड या तालाब भरता है। जो सुरत-रूप नदी ज्योति और नाद की उपासना में लगती है, वह स्थूल वा पिण्ड में से उमड़कर ऊपर उठती है, ब्रह्माण्ड वा सूक्ष्म में बढ़ चलती है और मायामय समुद्र को सोखती है। यह ऐसी लीला है, जो वर्णन करने में नहीं आती। वहाँ चाँद नहीं है, सूर्य नहीं है, तारे भी वहाँ नहीं हैं और वहाँ रात एवं प्रात भी नहीं होते हैं।।1।। सितार-बाँसुरी के कोमल स्वर में ररंकार-ध्वनि बजती रहती है। करोड़ों झिलमिली ज्योति की झलक पानी-वर्षा की तरह झलकती हुई बिना पानी के बरसती है।।2।। शिव, ब्रह्मा, विष्णु, इन्द्र और सरस्वती ने अपनी-अपनी बुद्धि के अनुकूल अनुमान किया है। दस अवतार एक-ही-एक (आत्म) तत्त्व में रत हैं। उनकी स्वाभाविक स्तुति सुहावनी लगती है।।3।। कबीर साहब कहते हैं कि (अन्तर-साधन के) रहस्य की बातों को अल्पसंख्यक लोग ही पहचानते हैं। जो पहचानते हैं, वे रहस्य को पहचान अत्याचारी यम की खान (आवागमन) में नहीं लौटकर आते हैं।।4।।  

परिचय

Mobirise gives you the freedom to develop as many websites as you like given the fact that it is a desktop app.

Publish your website to a local drive, FTP or host on Amazon S3, Google Cloud, Github Pages. Don't be a hostage to just one platform or service provider.

Just drop the blocks into the page, edit content inline and publish - no technical skills required.