।। मूल पद्य, साखी ।।
घर में घर दिखलाय दे, सो सतगुरु संत सुजान ।
पंच सब्द धुनकार धुन, बाजै गगन निसान ।।
।। मूल पद्य, साखी ।।
घर में घर दिखलाय दे, सो सतगुरु संत सुजान ।
पंच सब्द धुनकार धुन, बाजै गगन निसान ।।
पद्यार्थ-जो घर में घर दिखला दें, वे सुजान संत सद्गुरु हैं। (वहाँ घर के अन्दर घर में) पाँच ध्वन्यात्मक ध्वनियों के आकाशी नगाड़े बजते हैं।
टिप्पणी-स्थूल, सूक्ष्म, कारण, महाकारण और कैवल्य-ये पाँच शरीर वा घर हैं। स्थूल के अन्दर सूक्ष्म, सूक्ष्म के अन्दर कारण, कारण के अन्दर महाकारण और महाकारण के अन्दर कैवल्य; इस प्रकार घर के अन्दर घर है। इनमें से प्रत्येक में के एक-एक नाद को ‘पंच नाद’ वा पंच शब्द कहते हैं। इन पंच ध्वन्यात्मक नादों को ही गगन-निशान वा आसमानी नगाड़े कहते हैं।
परिचय
Mobirise gives you the freedom to develop as many websites as you like given the fact that it is a desktop app.
Publish your website to a local drive, FTP or host on Amazon S3, Google Cloud, Github Pages. Don't be a hostage to just one platform or service provider.
Just drop the blocks into the page, edit content inline and publish - no technical skills required.