free website templates

(04) . संत कबीर साहब की वाणी
[49. गुरु साहब करि जानिये]


।। मूल पद्य, साखी ।।

गुरु साहब करि जानिये, रहिये सब्द समाय ।
मिलै तो दण्डवत बन्दगी, पल पल ध्यान लगाय ।।


।। मूल पद्य, साखी ।।

गुरु साहब करि जानिये, रहिये सब्द समाय ।
मिलै तो दण्डवत बन्दगी, पल पल ध्यान लगाय ।।

पद्यार्थ-गुरु को प्रभु (परमात्मा) के सदृश जानना चाहिए, शब्द में समाकर रहना चाहिए। वे मिल जाएँ, तो दण्डवत्-बन्दगी करनी चाहिए और उनके ध्यान में अपने मन को पल-पल लगाना चाहिए।।

टिप्पणी-‘रहिये शब्द समाय’ से तात्पर्य है-गुरु-उपदेश-वाक्य में श्रद्धा रखते हुए उसके अनुकूल आचरण करना तथा गुरु-संकेतित अन्तर्नाद में सुरत लगाकर रहना।  

परिचय

Mobirise gives you the freedom to develop as many websites as you like given the fact that it is a desktop app.

Publish your website to a local drive, FTP or host on Amazon S3, Google Cloud, Github Pages. Don't be a hostage to just one platform or service provider.

Just drop the blocks into the page, edit content inline and publish - no technical skills required.