संतमत साहित्य संग्रह

जय गुरु!
भावोद्गार
सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की अंतस् प्रेरणा एवं सत्संग प्रेमियों के बारंबार आग्रह के संबल से ही यह कार्य संपादित हो सका है।  

स्तुति-विनती

[प्रात:कालीन]

स्तुति-विनती

[अपराह्नकालीन]

स्तुति-विनती

[सांयकालीन]

स्तुति-विनती

[ऑनलाइन]

जय गुरु!

जय गुरु!
जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

जय गुरु!

सद्गुरु देव की कालजयी कृतियाँ

क्रमपुस्तक / सद्ग्रंथ का नाम प्रथम प्रकाशन रचयिता / संकलनकर्ता 
(01)मेँहीँ-पदावली
1954सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज
(02)सत्संग योग
1939सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज
(03)रामचरितमानस सार-सटीक
1930सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज
(04)संतवाणी सटीक
1968सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज
(05)श्रीगीता-योग-प्रकाश
1955सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज
(06)वेद-दर्शन-योग
1955सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज
(07)विनय पत्रिका सार सटीक
1931सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज
(08)भावार्थ-सहित घटरामयण पदावली
1936सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज
(09)महर्षि मेँहीँ अभिनन्दन-ग्रंथ1961तृतीय संस्करण : मार्च, २००६ ई० 
(10)महर्षि मेँहीँ सत्संग संकलन (300+) ----सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी का प्रवचन 

श्री सद्गुरु महाराज की जय!
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आश्रम के ग्रंथ को छोड़कर शेष अंतर्जाल के विभिन्न स्रोतों पर आश्रित है।